Meena's Diary
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शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020
कुछ कर गुज़रना है
कुछ कर गुज़रना है
पानी में रवानी है
रुत भी मस्तानी है
होसलो में है तूफ़ान
थाम पार उतरना है
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