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शनिवार, 18 अप्रैल 2020

ख्वाबों की महक

जिंदगी एक ख़्वाब की तरह है
इसकी खुशबु में हम जीते हैं
कभी हँसते और गुनगुनाते हैं
सोते हैं जागते हैं सपने आते हैं
ख्वाबों की महक में हम जीते हैं
इन्ही ख्वाबों के महल बनाते हैं
इनसे अपनी दुनिया सजाते हैं
दिल में तुमको ही हम बसाते हैं
तुमको इक पल भूल न पाते हैं
@मीना गुलियानी

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