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शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

आगोश में सुलाती है

तेरी पायल की रुनझुन
मधुर गीत सुनाती है
दिल पे बिजली सी
कोंध कौंध जाती है
हम होते ही तेरी याद
मुझ तक दबे पाँव
रोज़ चुपचाप चली आती है
दिल में हलचल मचाती है
नई पुरानी यादें दोहराती है
जब मैं थक जाता हूँ तो
अपनी आगोश में सुलाती है
@मीना गुलियानी 

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