यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

जीवन की किताब

जीवन में सुख दुःख के होते हैं पड़ाव
इनके दम से सबकी चलती है नाव

धूप में चलने पर अच्छी लगे छाँव
वर्ण कोई कैसे जाने इसका अभाव

कभी मिलती ख़ुशी कभी मिलते ग़म
इन पलों से भरी जीवन की किताब
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें