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बुधवार, 1 अप्रैल 2020

शाम होते होते

तुम्हारी याद आई शाम होते होते
बुझने लगा चिराग शाम होते होते

ग़म के दरवाजे भी खुलने लगे
तेज हवा का रुख होते होते

जाने कौन कैसे दिल में समाया
टूटे सब ख़्वाब पूरे होते होते
@मीना गुलियानी 

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