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रविवार, 19 अप्रैल 2020

बिना हमसफ़र

वो पल न जाने कैसे थे
बिखर गए सुनहरे स्वप्न
हो गईं अकेली शामें सुबहें
वो प्रेमालाप की धड़कन
सिर्फ यादें हैं चन्द लम्हों की
तन्हा है जिंदगी का सफर
कटेगा कैसे बिना हमसफ़र
@मीना गुलियानी 

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