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गुरुवार, 2 अप्रैल 2020

मिटता बनता रहता है

प्रकृति का यही अटल नियम है
यहाँ सदा मिटता बनता रहता है
देश का इतिहास बदलता रहता है
ऋतुओं का क्रम चलता रहता है
पृथ्वी पर मानव जन्मता मरता है
पशु पक्षियों का स्वभाव बदलता है
फूलों वृक्षों का मौसम बदलता है
क्षरण पश्चात पत्ता निकलता है
हज़ारों साल में युग बदलता है
मिट्टी से जन्म उसी में लीन होता है
समय का पहिया चलता रहता है
@मीना गुलियानी




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