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मंगलवार, 19 सितंबर 2017

अरमाँ पूरे नहीं होते

           कभी ख़ुशी पाने की आशा
           कभी है गम की निराशा
           कुछ खोके पाने की आशा
           यही है जीवन की परिभाषा

इंसानियत आदमी को इंसान बना देती है
लगन हर मुश्किल को आसान बना देती है
सब लोग यूँ ही मंदिरों में नहीं जाते हैं
आस्था पत्थरों को भी भगवान बना देती है

कभी मेहनत करने पर भी सपने पूरे नहीं होते
इससे निराश न होना कभी हम अधूरे नहीं होते
जुटाओ हिम्मत बढ़ो आगे छू लोगे आसमाँ भी
बिना लहरों  से टकराए अरमाँ पूरे नहीं होते
@मीना गुलियानी


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