तुम्हें सिर्फ अपनी पड़ी है
सर पे मुसीबत खड़ी है
मुश्किल की ये घड़ी है
दुनिया मक्कार बड़ी है
सबको अपनी पड़ी है
सवालों की ही झड़ी है
काम की फेहरिस्त बड़ी है
फैसले की ये घड़ी है
हर तरफ लाईन बड़ी है
कैसे निपटूँ सोच बड़ी है
@मीना गुलियानी
सर पे मुसीबत खड़ी है
मुश्किल की ये घड़ी है
दुनिया मक्कार बड़ी है
सबको अपनी पड़ी है
सवालों की ही झड़ी है
काम की फेहरिस्त बड़ी है
फैसले की ये घड़ी है
हर तरफ लाईन बड़ी है
कैसे निपटूँ सोच बड़ी है
@मीना गुलियानी
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