Meena's Diary
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रविवार, 15 मार्च 2020
फूल फिर भी फूल है
ख़ाक में मिला तो क्या फूल फिर भी फूल है
क्यों रौंदना इसे पाँव से ये आदमी की भूल है
@मीना गुलियानी
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