पतझड़ गया नए फूल खिलेंगे
मुरझाये पेड़ पौधे हरे भरे होंगे
बरसों के बिछुड़े प्रेमी फिर मिलेंगे
तन मन अपना वो रंग में रंगेंगे
आया है फागुन पिचकारी भरेंगे
घोटेंगे भांग और चंग भी बजेंगे
कान्हा जी के रंग में सब रंगेंगे
@मीना गुलियानी
मुरझाये पेड़ पौधे हरे भरे होंगे
बरसों के बिछुड़े प्रेमी फिर मिलेंगे
तन मन अपना वो रंग में रंगेंगे
आया है फागुन पिचकारी भरेंगे
घोटेंगे भांग और चंग भी बजेंगे
कान्हा जी के रंग में सब रंगेंगे
@मीना गुलियानी
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