जीवन के हर सपने को
साकार आज कर लीजिये
मत बैठो चुपचाप आप
जीवन में रंग भर लीजिये
ठंडी मस्त चले पुरवाई
गोरी ने गगरी छलकाई
छलकते पानी से भीगा तन
जाना गोरी ने आया फागुन
हाथों में उसने लिया गुलाल
कान्हा के ऊपर दिया डाल
कान्हा ने मारी पिचकारी
सुध बुध उसको भूली सारी
धीरे धीरे कान्हा मुरली बजाएँ
गोपियन के संग रास रचाएँ
@मीना गुलियानी
साकार आज कर लीजिये
मत बैठो चुपचाप आप
जीवन में रंग भर लीजिये
ठंडी मस्त चले पुरवाई
गोरी ने गगरी छलकाई
छलकते पानी से भीगा तन
जाना गोरी ने आया फागुन
हाथों में उसने लिया गुलाल
कान्हा के ऊपर दिया डाल
कान्हा ने मारी पिचकारी
सुध बुध उसको भूली सारी
धीरे धीरे कान्हा मुरली बजाएँ
गोपियन के संग रास रचाएँ
@मीना गुलियानी
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