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मंगलवार, 25 फ़रवरी 2020

कुछ तो कमी है

कुछ तो कमी है
हवा में नमी है
दिल सहमा सा है
कुछ वीरानगी है
आंधी सी चली है
कांपी ये ज़मी है
धड़कन थमी है
सांसें भी थमी हैं
मौसम दिलकशी है
उमंगें उठ रही हैं
हलचल सी मची है
शमा जल रही है
कसक सी जगी है
तेरी ही कमी है
 मिलना लाज़मी है
@मीना गुलियानी 

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