यह ब्लॉग खोजें

रविवार, 23 फ़रवरी 2020

थोड़ा थोड़ा करके सहेजो

थोड़ा थोड़ा करके सहेजो
तभी तो कुछ बन पायेगा
नहीं तो सब बिखर जायेगा
सब एक साथ नहीं मिलता
धीरे धीरे सहेजो मिल जायेगा
छोटे छोटे अरमां ख्वाहिशें हैं
सब कुछ हासिल हो जायेगा
यकीन करो अपनी मेहनत पर
किश्ती को किनारा मिल जायेगा
उम्मीदों का गुलशन खिल जायेगा
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें