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मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020

दिल लगाके जीते हैं

दिल लगाके हम तो जीते हैं
सारे गम हम भुलाके जीते हैं
सबको अपना बनाके जीते हैं
जिंदगी  मुस्कुरा के जीते हैं
खुद सलीके से हम तो जीते हैं
सबके दुखड़े मिटाके जीते हैं
बेसहारों को अपनाके जीते हैं
बेखुदी के अलम में जीते हैं
प्रभु की हम शरण में जीते हैं
@मीना गुलियानी


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