पास बैठो ज़रा चैन मिल जायेगा
वक्त कैसा भी हो वो गुज़र जायेगा
दूर हमसे न होना गर भूल हो
माफ़ करना मेरी भूल चूक को
दिन थमेगा नही वक्त टल जायेगा
तुम तो यूँ ही सदा मुस्कुराया करो
पलकें आंसुओ में न डुबाया करो
जुल्फें संवरे तो चंदा निकल आएगा
गेसुओं में छुपा लो हर इक राज़ को
वक्त नाज़ुक कहीं न पर्दा फ़ाश हो
शमा रहते ही परवाना जल जाएगा
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