तेरी याद में दुनिया को भी भुलाये हुए
ज़माना गुज़रा है अपना ख्याल आये हुए
किसी की ज़फ़ाओं का ज़िक्र क्या कीजे
किसी को परवाह न हो तो क्या कीजे
हम तो है अपनी खताओं से मात खाए हुए
दिल मेरा तेरे ख्यालों में ही है खोया हुआ
इस कदर खोया रहा गेसुओं में सोया हुआ
लेके होंठों पे हँसी दिल पे चोट खाए हुए
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