दिल पगला है ये तो इक दीवाना है कहता है जो कहने दो
इसी हाल में इसको रहने दो मस्ती में ही खुश रहने दो
क्या इसे जीने का हक नहीं
क्या बोलने पर भी ताले है
हम तो फिर दिल वाले है
कुछ हमको भी तो कहने दो
ज़िंदा है अब कुछ बोलेंगे
दिल को तराजू में तोलेंगे
अधिकार हमें भी जीने का
तुम हमको भी खुश रहने दो
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