न जाने कब मेरी किस्मत बदल जाए
ग़मों की ये शाम भी खुशी में ढल जाए
बदले ये रुत और तू मुझको मिल जाए
बदरिया झूमके मेरे आँगन बरस जाए
इस तड़पते दिल की प्यास मिट जाए
@मीना गुलियानी
ग़मों की ये शाम भी खुशी में ढल जाए
बदले ये रुत और तू मुझको मिल जाए
बदरिया झूमके मेरे आँगन बरस जाए
इस तड़पते दिल की प्यास मिट जाए
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें