मेरे बस में नहीं करते रहना इंतज़ार
क्या मालूम कब बरसे बरखा बहार
गगन पे बादल छितराये बरसें अपार
आओ भीग जाएँ हम बरसे फुहार
आई रिमझिम लेके सपने हज़ार
@मीना गुलियानी
क्या मालूम कब बरसे बरखा बहार
गगन पे बादल छितराये बरसें अपार
आओ भीग जाएँ हम बरसे फुहार
आई रिमझिम लेके सपने हज़ार
@मीना गुलियानी
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