कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं
जो ईश्वर स्वयं बनाता है
कुछ रिश्ते अपने आप ही
आपसे खुद जुड़ जाते हैं
उनके दिल में न वैर होता है
न ही कोई शिकवा शिकायत
प्रेम के बंधन में बंध जाते है
भाई बांधव बन जाते है
जीवन भर सुख दुःख में वो
हमेशा साथ निभाते हैं
हर परिस्थिति का सामना
करते हैं ईश्वर के दूत की तरह
जिंदगी को वो सहज बनाते हैं
ये रिश्ते सात्विक होते हैं भूले
हुए को भी राह पे लाते हैं
@मीना गुलियानी
जो ईश्वर स्वयं बनाता है
कुछ रिश्ते अपने आप ही
आपसे खुद जुड़ जाते हैं
उनके दिल में न वैर होता है
न ही कोई शिकवा शिकायत
प्रेम के बंधन में बंध जाते है
भाई बांधव बन जाते है
जीवन भर सुख दुःख में वो
हमेशा साथ निभाते हैं
हर परिस्थिति का सामना
करते हैं ईश्वर के दूत की तरह
जिंदगी को वो सहज बनाते हैं
ये रिश्ते सात्विक होते हैं भूले
हुए को भी राह पे लाते हैं
@मीना गुलियानी
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