आसमां अनन्त है इसकी कोई सीमा नहीं है
हम भी पंछियों की तरह उड़ान भर सकते हैं
इस शरीर में कल्पनाओं का समुद्र लहराता है
हम हिम्मत हौंसला और कल्पना से उस उड़ान
को पंख फैलाकर उड़ सकते हैं पर इसमें भी
सदैव ईश्वर का सर पर हाथ होना जरूरी है
@मीना गुलियानी
हम भी पंछियों की तरह उड़ान भर सकते हैं
इस शरीर में कल्पनाओं का समुद्र लहराता है
हम हिम्मत हौंसला और कल्पना से उस उड़ान
को पंख फैलाकर उड़ सकते हैं पर इसमें भी
सदैव ईश्वर का सर पर हाथ होना जरूरी है
@मीना गुलियानी
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