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शनिवार, 16 नवंबर 2019

मेरा हमसफ़र है

अब तू जो बना मेरा हमसफ़र है
किसी बात की चिंता न फ़िक्र है
तेरी बाहों में ही गुज़रो बसर है
ज़िन्दगी इक सुहाना सफ़र है
मुझे किसी बात का न डर है 
तेरे संग आसान हर डगर है
न चुभते राह में शूल कंकर है
अब फूल सम लागे पत्थर है
 संग न दिन रात की ख़बर है
तू ही राहते जां तू ही रहबर है
अब मौत न ख़ौफ़ न कहर है
@मीना गुलियानी 

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