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रविवार, 24 नवंबर 2019

ये रात है कि

ये रात है कि काटे कटती नहीं
बदली ये ग़मों की छंटती नहीं
ज़िन्दगी की रफ़्तार घटती नहीं
आरजू की फ़ेहरिस्त घटती नहीं
साँसों की परवाज़ घटती नहीं
आँसुओं की बौछार थमती नहीं
तेरे बिन ज़िन्दगी कटती नहीं
@मीना गुलियानी 

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