यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 5 नवंबर 2019

सदा आ रही है

ज़िन्दगी तेरी रफ्तार बहुत तेज़ है
तुझसे आगे निकलने के लिए
मैंने भी अपनी रफ्तार बढ़ाई है
कहीं तुझसे पिछड़ न जाऊँ मैं
कुछ देर मेरे पास आकर बैठो
 बात करना अच्छा लगता है
तुम्हारा हाथ थामकर वो पल
मुझे फिर से याद आ जाते हैं
ज़िन्दगी अब दूर जा रही है
गुनगुनाने की सदा आ रही है
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें