यह ब्लॉग खोजें

शुक्रवार, 8 नवंबर 2019

गुम होते गए

जितने मंजिल की ओर बढ़ते गए
उतने प्यार में हम पिछड़ते गए
दिलों में जज़्बात  कम होते गए 
दिनों दिन फ़ासले बढ़ते ही गए
अपनी दुनिया में गुम होते गए 
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें