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शुक्रवार, 5 जून 2020

नीली आँखे --कहानी

नीलू अभी अपने घर के बगीचे में टहल रही थी तभी प्रकाश आया।  कहने लगा आज तो तुम गज़ब ढा रही हो।  किसी के कत्ल की साजिश तो नहीं है।  नीलू शर्मा गई बोली तुम मेरा हमेशा मज़ाक उड़ाते रहते हो जाओ मैं तुमसे बात नहीं करती। प्रकाश ने कहा नीलू कसम से मैं सच ही कह रहा हूँ एक तो तुमने बालों को आज खोल रखा है और फिरोज़ी सूट पहना हुआ है जो तुम पर बहुत जँच रहा है।  खूबसूरत तो तुम हो ही नीली आँखें भी गज़ब ढा रही हैं।  अच्छा अब बताओ मैं तो आज फ्री हूँ क्या प्रोग्राम है तुम्हारा आज का।  नीलू और प्रकाश दोनों स्कूल के समय से ही बचपन के साथी थे।  अब दोनों नौकरी करते हैं किसी मल्टीनेशनल कम्पनी में। दोनों के परिवार वाले भी इनकी दोस्ती को पसंद करते थे क्योंकि ये लोग मर्यादा में रहकर चलते थे।   प्रकाश ने नीलू से पूछा यदि आज तुम्हें कोई जरूरी काम नहीं है तो फिल्म देखने चलते हैं।   बहुत पुराने समय की जुड़वाँ बहनों पर आधारित एक सुंदर फिल्म है साधना और सुनीलदत की उसको देखकर तुम्हें भी मज़ा आ जायेगा।  नीलू ने कहा चलो तो चलते हैं बस मैं ज़रा ममी जी को बोलकर आती हूँ।  नीलू फटाफट पैरों में स्लीपर पहनकर तैयार थी।  अब वो दोनों फिल्म देखने के लिए रवाना हो गए।

नीलू बहुत खुश थी क्योंकि उसे भी प्रकाश का साथ अच्छा लगता था।  प्रकाश ने नीलू का हाथ अपने हाथों में ले रखा था।  दोनों इण्टरवल के समय कॉफी पीने के  लिए बाहर आये और पॉप कॉर्न भी खरीदा जिसे हाल के अंदर ले आये।  अब दोनों  एक दूसरे को खिलाकर खुश हो रहे थे।  शाम को फिल्म देखकर वो अपने अपने घर चले गए।  सुबह ऑफिस जाने के लिए बस स्टाप पर खड़े हो गए।   बस आते ही दोनोँ पास पास बैठ गए।   अब इधर उधर की बातें होने लगी।  प्रकाश ने पूछा तुम्हारी ममी ने तुम्हारे लिए  लड़का खोजना शुरू किया या नहीं।  कहो तो मैं भी लाईन में लग जाऊँ। शायद कोई पसंद कर ले।   अब तो थोड़ा सा तुम भी कोई हिंट दे दो कि मेरे जैसा लड़का तुम्हें शादी के लिए प्रोपोज़ करे तो तुम्हें कोई एतराज़ तो नहीं होगा।  नीलू बोली -नहीं तुम तो मुझे पसंद हो पर ममी जी की पसंद पता नहीं क्या पता उन्होंने कोई मेरे लिए चुन रखा हो। 

तुम अपनी ममी को साथ लेकर कभी आकर घर पर मेरी ममी से बात करना तो वो चाहेंगे तो रिश्ता हो जाएगा। अब एक दिन छुट्टी थी शाम के समय प्रकाश अपनी ममी जी के साथ नीलू के घर मिलने आ गया।   बातों बातों में ही शादी की चर्चा होने लगी।  नीलू ने फटाफट पनीर के पकोड़े और चाय बना दी साथ में थोड़ा सा चिवड़ा भी तैयार कर  लिया।   रिश्ते के लिए तो दोनों परिवार रजामंद थे बस अब मुहूर्त की देरी थी जो पंडित जी से कहकर वो भी निकलवा लिया।  दोनों परिवार सादगी से शादी करना चाहते थे वैसे ही तय कर दी।  आज दोनों के फेरे हो रहे थे कुछ ही देर में दोनों एक दूसरे के होने जा रहे थे।  प्रकाश ने नीलू की मांग भरी और शादी सम्पन्न हो गई। नीली आँखों वाली नीलू प्रकाश को इतनी भा गई कि वो उससे शादी की हठ कर  ही बैठा और उससे शादी कर ली।अब  वो उसे छेड़ने लगा ओ तेरी नीली नीली आँखों के दिल पे तीर चल गए।
@मीना गुलियानी









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