यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 6 जून 2020

इतना इतराओ मत

इतना इतराओ मत
न धन है तेरा न तन
सब मिट्टी में मिलना
कोई नहीं ठिकाना है
सब यहीं छोड़ जाना है
न यौवन ही चिरस्थाई
भुलावे में न आना है
ये सब मिट जाना है
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें