यह ब्लॉग खोजें

शुक्रवार, 19 जून 2020

तन्हाई का मंजर है

तन्हाई का मंजर है
वीरानी अंदर बाहर है
कोई न हमसफ़र है
वीराना सा सफर है
खो गई रहगुज़र है
बिछड़ा हमसफ़र है
तू न जाने किधर है
ढूँढती मेरी नज़र है
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें