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शनिवार, 6 जून 2020

मेरा सपना अधूरा रह गया

मेरा सपना अधूरा रह गया
तुमने मिलने का वादा किया
ऐन वक्त पर तुमने धोखा दिया
मैंने हर पल विश्वास किया पर
तुमने हर बार विश्वासघात किया
मेरे दिल से तुमने हर बार खेला
मुझे निराशा में तड़पते छोड़ा
तुमने मुझे कहीं का न छोड़ा
मेरे मीठे सपनों को तुमने तोडा
क्यों झूठे ख्वाबों के महल बनाये
क्यों फिर मुझे दिया बिसराये
मुझे छोड़ किसी से प्रीत लगाई
बेवफा तू तो निकला हरजाई
फिर भी मैंने तुझे ही अपना माना
जान गई थी कि हो गया तू बेगाना
कभी भूल से फिर शायद लौट आओ
बालम मेरी प्रीत यूँ न ठुकराओ
प्रीत के वादों को तुम आन निभाओ
मेरे सारे सपनों को सच कर जाओ
@मीना गुलियानी 

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