थामके बैठो कहीँ ये दिल फिसल न जाए कहीँ
मुझको ये डर है कि तू भी बदल न जाए कहीँ
यूँ तो मुझे खुद पे ऐतबार बहुत है लेकिन
ये बर्फ आँच के आगे पिघल न जाए कहीँ
तेरे मयकदे से जो पी है उसकी खुमारी बाकी है
डर है सारी उम्र इसी नशे में गुज़र न जाए कहीँ
हवा है तेज अभी दरवाजों को बन्द कर लेना
ये बुझती राख शरारों में बदल न जाए कहीँ
धड़कने तेज़ हुई हैं रफ़्ता रफ़्ता तेरे करीब आने से
कहदो इस वक्त से ठहरे लम्हे गुज़र न जाएँ कहीँ
@ मीना गुलियानी
मुझको ये डर है कि तू भी बदल न जाए कहीँ
यूँ तो मुझे खुद पे ऐतबार बहुत है लेकिन
ये बर्फ आँच के आगे पिघल न जाए कहीँ
तेरे मयकदे से जो पी है उसकी खुमारी बाकी है
डर है सारी उम्र इसी नशे में गुज़र न जाए कहीँ
हवा है तेज अभी दरवाजों को बन्द कर लेना
ये बुझती राख शरारों में बदल न जाए कहीँ
धड़कने तेज़ हुई हैं रफ़्ता रफ़्ता तेरे करीब आने से
कहदो इस वक्त से ठहरे लम्हे गुज़र न जाएँ कहीँ
@ मीना गुलियानी
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