कभी दिल पे हाथ रखके मेरी बेबसी को समझो
तुमने जिस तरह से चाहा वैसा ही रहा हूँ मैं
कितनी ही चट्टानों से फिसला कितने तूफानों से गुज़रा
तेरे ही इंतज़ार में इसी जगह पर बैठा रहा हूँ मैं
मैंने तो अपने घर बैठे ही तबाही का मंज़र देखा किया
जिंदगी जैसे भी गुज़री तेरी वजह सहता रहा हूँ मैं
मै हमेशा तेरे साथ ही हर कदम पर चलता रहा
तूने मुड़के न देखा यही दर्द सहता रहा हूँ मैं
इतना सारा ग़म भी दिल में जब इकठ्ठा कर लिया
हूँ परेशां कैसे दिखलाऊंगा यही सोच रहा हूँ मैं
@मीना गुलियानी
तुमने जिस तरह से चाहा वैसा ही रहा हूँ मैं
कितनी ही चट्टानों से फिसला कितने तूफानों से गुज़रा
तेरे ही इंतज़ार में इसी जगह पर बैठा रहा हूँ मैं
मैंने तो अपने घर बैठे ही तबाही का मंज़र देखा किया
जिंदगी जैसे भी गुज़री तेरी वजह सहता रहा हूँ मैं
मै हमेशा तेरे साथ ही हर कदम पर चलता रहा
तूने मुड़के न देखा यही दर्द सहता रहा हूँ मैं
इतना सारा ग़म भी दिल में जब इकठ्ठा कर लिया
हूँ परेशां कैसे दिखलाऊंगा यही सोच रहा हूँ मैं
You really are wonderful friend
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