यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 9 जनवरी 2017

चाबी तू ढूंढ़के लादे खुदा

दिल मेरा जाने कहाँ खो गया
हँसी को भी मैंने आज खो दिया

चन्द्रमा अमावस का कभी पूनम का
कभी घट जाता  है तो कभी ये बढ़ता

दिल के टुकड़े सारे समेटकर  उठाये
बड़े यत्न से उनसे फूलदान सजाये

सुनी चुपचाप मैंने मौसम की सदा
तेरे कदमों में सिर झुकाया ऐ खुदा

तुम्हीं सुन लो मेरे दिल की सदा
खोई है चाबी तू ढूंढ़के लादे खुदा
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें