मेरे मेहबूब तू पढ़ ले गर मेरी अर्ज़ी कहीँ
तोड़ना वायदे को कभी मेरी मरज़ी ही नहीँ
जब भी तेरे इश्क की सितार बज उठेगी
समझ लेना कि तेरी हीर जाग उठेगी
मौत से भी लड़ जाऊँगी तुझसे न दूर जाऊँगी
लहरों से दुबकना नहीँ तूफ़ां से झूझ जाऊँगी
मौत की परवाह नही लालच की खुदगर्ज़ी नहीँ
जान का डर भी नहीँ परखने की सिरदर्दी नहीँ
@मीना गुलियानी
तोड़ना वायदे को कभी मेरी मरज़ी ही नहीँ
जब भी तेरे इश्क की सितार बज उठेगी
समझ लेना कि तेरी हीर जाग उठेगी
मौत से भी लड़ जाऊँगी तुझसे न दूर जाऊँगी
लहरों से दुबकना नहीँ तूफ़ां से झूझ जाऊँगी
मौत की परवाह नही लालच की खुदगर्ज़ी नहीँ
जान का डर भी नहीँ परखने की सिरदर्दी नहीँ
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