चेहरों के जंगल में
एक है चेहरा मेरा
जो छिपा भीड़ में
खो गया जंगल में
कहाँ ढूँढूँ अजनबी
अन्जाने जंगल में
लगता है मैं भी
खुद को भूल गया
वजूद ही खो दिया
@मीना गुलियानी
एक है चेहरा मेरा
जो छिपा भीड़ में
खो गया जंगल में
कहाँ ढूँढूँ अजनबी
अन्जाने जंगल में
लगता है मैं भी
खुद को भूल गया
वजूद ही खो दिया
@मीना गुलियानी
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