ज़रा सी मोहलत तो देते तुम
तुमने तो सम्भलने का भी
मुझे एक मौका तक न दिया
झटपट अपना दामन छुड़ा लिया
ये भी न सोचा हम जियेंगे कैसे
पहले तो तेरे कन्धे पे सिर रखके
दिल का सारा बोझ हल्का करते थे
अब हमारे दिल को कौन सम्भालेगा
@मीना गुलियानी
तुमने तो सम्भलने का भी
मुझे एक मौका तक न दिया
झटपट अपना दामन छुड़ा लिया
ये भी न सोचा हम जियेंगे कैसे
पहले तो तेरे कन्धे पे सिर रखके
दिल का सारा बोझ हल्का करते थे
अब हमारे दिल को कौन सम्भालेगा
@मीना गुलियानी
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