सूरज की तरह तुम चमको
और धरा पे तुम छा जाओ
अपनी आभा का प्रकाश भी
चहुँओर तुम अब फैलाओ
मुस्कान लिए होठों पर तुम
सबके मन में घर कर जाओ
अपने कर्मों से आशीष पाओ
अँधियारा मन का मिटाकर
अपने नाम का डंका बजाओ
@मीना गुलियानी
और धरा पे तुम छा जाओ
अपनी आभा का प्रकाश भी
चहुँओर तुम अब फैलाओ
मुस्कान लिए होठों पर तुम
सबके मन में घर कर जाओ
अपने कर्मों से आशीष पाओ
अँधियारा मन का मिटाकर
अपने नाम का डंका बजाओ
@मीना गुलियानी
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