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बुधवार, 13 मई 2015

गुरुदेव के भजन-279 (Gurudev Ke Bhajan 279)




नूर नूरानी मुखड़ा दिल लुभानी आँखे 
दिल लुभानी आँखे है आँखों से छलकता प्यार 
दुखियो का दाता है करे बेडा सबका पार 

न बाबा जैसा कोई और है 
मेरे मन का वो चितचोर है 
उसके दिल में करुणा उसके  ममता 
उसके दिल में समता है 
करें छोटे बड़े से दुलार 

ज्योति  से वो भरपूर है 
मुखड़े पे उनके इक नूर है 
उनके चेहरे की ज्योति चमके जैसे मोती 
सीप में जैसे मोती 
ऐसे है छुपाया प्यार 



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