जाग मेरे मन तू जाग बाबा का दीदार कर छोड़ दे जग के झूठे काज
मन को लगा भजन में खोलदे अपने किवाड़
दिल को अब सम्भाल तू तोड़ वासना के जाल
मोह के ये काले नाग
एक पग तू मन पे रख ध्यान तू चरण में रख
पायेगा शरण तू फिर दिल को थामके तू रख
जाग उठेंगे तेरे भाग
मन वचन और कर्म से तू भलाई सबकी कर
एक बाबा का भरोसा रख न तू दुनिया से डर
पार करेंगे वो ही नाव
दिल में अटल विश्वास हो और न दूजी आस हो
इक भरोसा नाम पर रख न तू उदास हो
बाबा करेंगे सारे काज
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