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शनिवार, 16 मई 2015

गुरुदेव के भजन-306(Gurudev Ke Bhajan 306)


तर्ज ---बचपन की मुहब्बत को 

चरणों में रखना मुझे हे नाथ दया करना , हम भूले भटके है तुम हम पे कृपा करना 

न सूझे राह कोई मुझे राह दिखाओ तुम
 हम तेरे बच्चे है ये भूल न जाओ तुम 
अपना लो तुम हमको सिर हाथ ज़रा धरना 

आशा की नैया है बाबा तुम ही खिवैया हो 
डोले इत उत नैया तुम पार करैया हो 
मंझधार से दुनिया की तुम पार हमे करना 

काटो बंधन मेरे जो डसते है मुझको 
मद लोभ तृष्णा को करो दूर तुम मुझको 
बाबा तेरे चरणों में पाऊँ स्वर्ग दया करना 

कभी भूलू न तुमको हे नाथ दया करना 
तेरे नाम को रटती मरूँ इतनी तो कृपा करना 
जब जीवन तुमने दिया भव पार तुम्ही करना 


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