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बुधवार, 22 नवंबर 2017

कटु सत्य है, यथार्थ है

समय बचपन से मेरा सहचर रहा है
मेरे बचपन की क्रीड़ा का
यौवन के सुख दुःख के क्षणों का
समय साक्षी रहा है
समय अनुभूति का विषय है
रीति , नीति , प्रीति का
समय में संवेग है , संकल्प है
यह गतिशील , परिवर्तनशील है
सभी नक्षत्र इसके आधीन हैं
दिन, रात , सूर्य , चन्द्रमा ,तारे
सब समयानुसार कार्य करते हैं
पत्ते पर पड़ी ओस की बूँद है
जो उगते सूर्य को समर्पित है
यह शतरंज की बिसात है
यही शह और मात है
समय उन्नति का मार्ग है
यह एक अनवरत सीढी है
धरा को गगन से मिलाने के लिए
समय नश्वर और अनश्वर है
समय चेतना और अचेतना है
यही आस्था , भक्ति और विरक्ति है
समय ही गति , नियति , प्रगति है
समय की धारा बहुत प्रबल है
बड़े बड़े राजा महाराजा इसके आगे
नतमस्तक हो जाते हैं
कब, कौन, कैसे, कोई घटना घटित होगी
यह सिर्फ समय ही जानता है
हर युग का इतिहास केवल
समय के ही पास है
हम सब समय के आधीन हैं
यही कटु सत्य है, यथार्थ है
@मीना गुलियानी 

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