वो रह रह के याद हमको आने लगे हैं
जिनको भुलाने में ज़माने लगे हैं
कभी कह न पाए जिन्हें दिल की बातें
वो बातें सभी को हम बताने लगे हैं
कहीं टूट जाए न हसरत भरा दिल
इस दिल को हम बहलाने लगे हैं
देखो चुभ न जाएँ कहीं तुमको काँटे
दामन अपना हमसे छुड़ाने लगे हैं
बहुत जी लिए हम घुट घुटके अब तक
नाकामियों पे पर्दे हम गिराने लगे हैं
@मीना गुलियानी
जिनको भुलाने में ज़माने लगे हैं
कभी कह न पाए जिन्हें दिल की बातें
वो बातें सभी को हम बताने लगे हैं
कहीं टूट जाए न हसरत भरा दिल
इस दिल को हम बहलाने लगे हैं
देखो चुभ न जाएँ कहीं तुमको काँटे
दामन अपना हमसे छुड़ाने लगे हैं
बहुत जी लिए हम घुट घुटके अब तक
नाकामियों पे पर्दे हम गिराने लगे हैं
@मीना गुलियानी
वो रह रह के याद हमको आने लगे हैं
जवाब देंहटाएंजिनको भुलाने में ज़माने लगे हैं
सुन्दर गजल....👌
बहुत खूब!!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन....
जवाब देंहटाएंदाद कबूल फरमाएँ
सादर
गूगल फॉलाव्हर का गैजेट लगाइए
जवाब देंहटाएंसादर