सिर को हमने आके झुकाया शरण तेरी पाने को (भेंट )
छोड़ तेरा दर न जायेंगे ठोकरें खाने को
याद में तेरी आंसू आये
गीत विरह के हमने गाये
अश्कों की माला है पिरोई
तुमको पहनाने को ----------
दुनिया ने मुँह मोड़ा हमसे
सबने नाता तोडा हमसे
मायाजाल को तोड़के आये
दर पे मिट जाने को --------------
भूलें हुईं नादाँ हैं हम तो
बच्चे बड़े अन्जान हैं हम तो
भूलों को बिसरा के आओ
हमको अपनाने को ------------
@मीना गुलियानी
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