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मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020

तर्ज़ हमने अपना सब कुछ खोया

सिर को हमने आके झुकाया शरण तेरी पाने को (भेंट )

छोड़ तेरा दर न जायेंगे ठोकरें खाने को 


याद में तेरी आंसू आये 

गीत विरह के हमने गाये 

अश्कों की माला है पिरोई 

तुमको पहनाने को ----------


दुनिया ने मुँह मोड़ा हमसे 

सबने नाता तोडा हमसे 

मायाजाल को तोड़के आये 

दर पे मिट जाने को --------------


भूलें हुईं नादाँ हैं हम तो 

बच्चे बड़े अन्जान हैं हम तो 

भूलों को बिसरा के आओ 

हमको अपनाने को ------------

@मीना गुलियानी 

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