सम्भालो ऐ माँ न निकल जाए दम
सताया गया हूँ मैं संसार से
उठा लो मुझे माँ ज़रा प्यार से
बड़ा होगा मुझपे तुम्हारा कर्म ------
मेरी नाव है डूबती जा रही
किनारा कहीं भी नहीं पा रही
खत्म होने को है मेरा ये जन्म ----
मुसीबत में हूँ माँ मैं लाचार हूँ
तुम्हारी दया का तलबग़ार हूँ
उठा लो मुझे गोद में कम से कम ----
मेरा दिल मैया आज घायल हुआ
नहीं रास आई कोई भी दवा
लगाओ मेरे जख्मों पे तुम मरहम
@मीना गुलियानी
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