तेरे द्वार पे हाथ पसारा शरण तेरी आया माँ
काम क्रोध भटकाए
लोभ भी बढ़ता जाए
तृष्णा की अग्नि में
सब कुछ जलता जाए
मुझे आसरा माता तुम्हारा --------------
गम के अँधेरे साये
चारों तरफ से छाये
तुम बिन मेरी माता
मुझको कौन बचाये
डोले नैया दूर किनारा ------------------
मनवा मोरा गाये
तेरे गीत सुनाये
तुम बिन मेरी माता
कौन मुझे अपनाये
सर पे है मैया हाथ तुम्हारा --------------
@मीना गुलियानी
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