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सोमवार, 5 अक्टूबर 2020

तर्ज़ --कीर्तन

करो गुरु नाम का सुमिरन अगर मुक्ति को पाना है 

ये पल पल श्वास जाती है 
खबर तुझको न आती है
जग सारा सपना है 
न कोई भी अपना है  
अवस्था जा रही ऐसे कि 
पल न लौट आना है ---------------

बनाये तूने जो बंगले 
न तेरे काम आयेंगे 
जहाँ वाले तो तुझको
 एक पल में फूँक आयेंगे 
बचा ले नाम का धन जो 
तेरे संग लौट जाना है ----------

अच्छा कर किसी से 
तू अच्छा फल ही पायेगा 
बुरा फल साथ में तेरे 
बुराई को ही लाएगा 
कमा कुछ नेकी तू बंदे 
जहाँ से लौट जाना है ------------
@मीना गुलियानी

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