गुरु जी जपो गुरूजी जपो
चोला मिला शुभ कर्म का
करने को सौदा धर्म का
फिर मानुष जन्म हो कि न हो ----
मन में बसा ले उनका नाम
उनको सुमिर ले सुबो शाम
नर तन फिर आवन हो कि न हो ----
साँसों की कीमत जान तू
हर पल यों ही भरमाये तू
जीवन के पापों को तू धो ---------
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें