हाले दिल मैं किसको सुनाऊ
कर्मो के भोगों ने मुझको सताया
जहाँ भी गया मैं उसने ठुकराया
सारे जहाँ से ठोकर मैं खाऊँ -------
होके लाचार गुरूजी तेरे दरबार आया
मेरी अर्जी सुनलो मैं फरियाद लाया
मेरी न सुनोगे तो किस दर जाऊँ ----
तुम्ही मेरे बंधु और सखा हो
यही मेरी दुनिया है तुम्हीं आसरा हो
दर दर ठोकर खाना न चाहूँ-----------
@मीना गुलियानी
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