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शनिवार, 3 अक्टूबर 2020

तर्ज़ --तुम अगर साथ देने का

मेरे  गुरू जी सुनलो पुकार दिल की 
तेरे चरणों में ध्यान लगाया करूँ 
करूँ पूजा तेरी पावन गंगा में 
गुणगान मैं तेरे ही गाया करूँ 

है ख्वाहिश मेरी नित सुमिरन करूँ 
तेरी पूजा में मन को रमाया करूँ 
तेरी भक्ति करूँ श्रद्धा से सदा 
तेरे चरणों में सर को झुकाया करूँ 

तुमने सबको ही अमृत पिलाया सदा 
छवि तेरी  निहारूँ मैं दिल में सदा 
भक्ति भाव से तुझे पूजते हैं सदा 
जीवन को मैं सफल बनाया करूँ 

तेरा हाथ मेरे सिर पे हो सदा 
तेरा गुणगान हो जिह्वा पे सदा 
तेरे नाम की माला फेरूँ सदा 
तेरे चरणों में ध्यान लगाया करूँ 
@मीना गुलियानी  

 

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