यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 30 दिसंबर 2019

गुमशुदा है कौन मुझमेँ

कौन हो जो मुझमें समा रहे हो
सामने आते  नहीं सता रहे हो
आँखों से ओझल हुए जा रहे हो
मदहोश मुझको किये जा रहे हो
@मीना गुलियानी


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें